Monday, June 6, 2011

सत्याग्रह पर सितम, इतिहास की सबसे काली रात


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सत्याग्रह पर सितम, इतिहास की सबसे काली रात

हरिद्वार, रविवार, 5 जून 2011( 15:38 IST )

दिल्ली के रामलीला मैदान से महिलाओं की वेशभूषा में बच निकलने का प्रयास करने वाले बाबा रामदेव ने चार जून की रात को इतिहास की काली रात बताते हुए कहा कि मुझे मारने की साजिश थी और रामलीला मैदान में मरना कोई बहादुरी का काम नहीं था इसलिए वहां से निकले।

सलवार कमीज पहने रामदेव ने कहा कि मैंने शौक के लिए यह कपड़े नहीं पहने हैं और मैं भेष बदलकर नहीं भागा लेकिन रामलीला मैदान में मारा जाना कोई बहादुरी नहीं थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने मुझे मरवाने की योजना बना रखी थी और मैं रात को कार्रवाई के दौरान मंच से कूदकर एक दीवार के पास दो घंटे तक बैठा रहा।

दिल्ली से आज सुबह हरिद्वार पहुंचे योगगुरु ने कहा कि मरने से डरता तो यह काम नहीं करता लेकिन रामलीला मैदान में मरना कोई बहादुरी नहीं थी।

रामदेव ने कहा कि वहां महिलाओं का एक झुंड था वह उनके साथ शामिल होकर रामलीला मैदान से बाहर निकलने में सफल रहे और झुंड में ही पैदल चलने लगे, लेकिन कुछ कार्यकर्ताओं के मुंह से गलती से यह आवाज निकल गई कि ‘कोई पुलिस वाला नहीं आएगा’। इसके बाद पुलिस वाले सतर्क हो गए और उन्होंने मुझे पकड़ लिया।

बाबा ने कहा कि उनके गले में पड़े कपड़े को पुलिसकर्मियों ने फंदे की तरह पकड़ा, जिससे उनके गले में सूजन भी आ गए है। रामदेव के अनुसार कि मैंने पुलिस वालों से पूछा कि मैंने कालाधन, भ्रष्टाचार की बात करके कोई गुनाह नहीं किया है तो मेरे साथ अपराधी जैसा व्यवहार क्यों।

योगगुरु के चेहरे पर परेशानी और चिंता साफ देखी जा सकती थी। वह महिलाओं की उसी पोशाक में मीडिया से मुखातिब हुए, जिसे पहनकर वह कल मध्यरात्रि के बाद रामलीला मैदान से बाहर निकले थे।

रामदेव ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत होने के बाद हमें यह धमकी दी गई थी कि या तो हम बात मान लें या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। इसलिये आचार्य बालकृष्ण से यह झूठ बोलकर दबाव में एक खत पर दस्तखत कराए गए कि चिट्ठी दिखाकर प्रधानमंत्री को विश्वास में लेना है।

उन्होंने कहा कि कल देर रात भी सरकार की ओर से जो चिट्ठी हमारे पास पहुंची, उसमें कालेधन के मुद्दे का कोई जिक्र नहीं था।

उन्होंने कहा कि कालीरात को जब मैं याद करता हूं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं और मेरी आत्मा कांप उठती है। रामलीला मैदान पर कल मध्यरात्रि को जो हुआ वह बबर्रता की सारी हदें पार गया। मैंने वहां कार्रवाई करने आए पुलिसकर्मियों से निर्दोष महिलाओं और बच्चों पर लाठियां नहीं बरसाने का बार-बार अनुरोध किया, लेकिन रामलीला मैदान पर पुलिस का दमन चक्र चलता रहा।

रामदेव ने सीधे मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘सिब्बल कुटिल और शातिर दिमाग के व्यक्ति हैं। उन्होंने हमारे साथ कुटिलता से चालें चलीं। उन्होंने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के बारे में भी कहा कि जो लोग गैर-जिम्मेदार हैं और बेबुनियाद आरोप लगाते हैं, उनके बारे में मैं टिप्पणी करना उचित नहीं समझता।

आंदोलन को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या भाजपा द्वारा प्रायोजित करने के आरोपों पर योगगुरु ने कहा कि उन्हें अन्य संगठनों और मुस्लिम समाज के लोगों का भी समर्थन था। तीन जून को तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने भी उनसे फोन पर बात कर समर्थन जताया था। अपने सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के बारे में उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में हैं और सुरक्षित हैं।

रामलीला मैदान पर सिर्फ योग शिविर करने की ही अनुमति होने से जुड़े सवाल पर रामदेव ने कहा कि योग के लिए हमने अनुमति ली थी और हजारों लोगों ने वहां योग किया भी। लेकिन योगासनों के बाद भ्रष्टाचार और कालेधन के मुद्दे पर जो उपवास किया गया, वह भी योग की मर्यादा और सीमा में आता है।

रामदेव ने कहा कि सरकार विदेशों में जमा कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने, पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाएं भारतीय भाषाओं में कराने, भ्रष्टाचार के मुकदमों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करने और लोक सेवा वितरण अधिनियम बनाने के लिए विधेयक पेश करने पर सहमत हो चुकी थी, लेकिन इस संबंध में वह लिखित आश्वासन नहीं दे रही थी।

उन्होंने कहा कि कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने के बारे में अध्यादेश जारी करने को लेकर लिखित में आश्वासन नहीं देने के पीछे सरकार की यह दलील थी कि हम पहले अनशन खत्म कर दें।

रामदेव ने कहा कि सरकार के रुख से यह साफ होता है कि न तो वह लोकपाल का गठन करना चाहती है और न न ही विदेशों में जमा कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करना चाहती है। इसके पीछे कारण यह है कि कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने से सरकार के मंत्रियों और कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के कई नेता बेनकाब हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि यह भी कहा जा रहा है कि मेरा अनशन प्रायोजित था। अगर प्रायोजित था तो फिर वहां मेरे समर्थकों पर लाठियां और आंसू गैस के गोले क्यों चलाए गए। (भाषा)

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पतंजलि आश्रम पहुंचे बाबा रामदेव

नई दिल्ली, रविवार, 5 जून 2011( 12:17 IST )
बाबा रामदेव आज दिल्ली से विशेष विमान से देहरादून पहुंचे और वहां से उन्हें हरिद्वार स्थित पतंजलि आश्रम लाया गया। वे पूरी तरह सफेद कपड़ों में हैं। उन्होंने देहरादून एयरपोर्ट पर किसी से भी बातचीत नहीं की है।

योगगुरु बाबा रामदेव ने ओम् और गायत्री मंत्र का जाप करते हुए अपनी गिरफ्तारी दी थी। ऐतिहासिक रामलीला मैदान पर मध्यरात्रि के बाद करीब एक बजे जब पुलिस का दल बल पहुंचा तो बाबा ने पुलिस और अपने समर्थकों के बीच संभावित संघर्ष को टालने की भरपूर कोशिश की।

पुलिस बल के घेरे में रहते हुए भी बाबा ने अपने समर्थकों से कहा कि वे उत्तेजित नहीं हों। उन्होंने लोगों से ओम् और गायत्री मंत्र का उच्चारण भी कराया।

गिरफ्तारी के नाटकीय घटनाक्रम में लाठीचार्ज, पथराव और आंसूगैस के गोले छोड़े गए तथा मैदान पर अफरातफरी मच गई। इसी बीच पुलिस बाबा को मंच से हटाकर एक ओर ले गई।

चंडीगढ़ से आई एक बुजुर्ग महिला ने पुलिस कार्रवाई का आंखों देखा हाल बताते हुए कहा कि महिलाएं और बच्चे पुलिस ज्यादती का शिकार हुए। पुलिस ने बुजुर्ग महिला को भी मैदान से चले जाने को कहा।

महिला ने जब यह कहा कि वह चंडीगढ़ से आई है और कहां जाये तो पुलिसकर्मी ने बदतमीजी से कहा कि सड़क पर जाओ।

बाबा के एक निकट सहयोगी सम्पूर्णानंद के अनुसार पुलिस बल में एक भी महिला पुलिसकर्मी नहीं थी। मध्यरात्रि के बाद सारे नियम कायदों को ताक पर रख कर पुलिस कार्रवाई की गई।

बाबा के संगठन भारत स्वाभिमान आंदोलन के एक पदाधिकारी के अनुसार वह भारत के मुख्य न्यायाधीश एचएस कपाड़िया से पूरे मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय को पुलिस कार्रवाई का संज्ञान लेना चाहिए। (एजेंसी)


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मेरी हत्या की साजिश-रामदेव
कहा- ...तो सोनिया और कांग्रेस जिम्मेदार

हरिद्वार, रविवार, 5 जून 2011( 22:33 IST )

बीती मध्यरात्रि से जारी नाटकीय घटनाक्रमों के बाद बाबा रामदेव ने भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रखने की घोषणा करते हुए रविवार को यहां सनसनीखेज दावा किया कि रामलीला मैदान पर उनकी हत्या करने की साजिश रची गई थी।

दिल्ली से हिरासत में लिए जाने के बाद रामदेव को हेलिकॉप्टर के जरिए देहरादून भेज दिया गया, जहां से वे हरिद्वार पहुंचे। यहां पहुंचने के कुछ ही देर बाद बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में रामदेव ने कल मध्यरात्रि के बाद हुए घटनाक्रमों का सिलसिलेवार ब्योरा बताया और सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए।

लाशें बिछा देने की तैयारी थी : रामदेव ने दावा किया कि सरकार की रामलीला मैदान पर लाशें बिछा देने की तैयारी थी और यदि हमारे कार्यकर्ता धैर्य से काम नहीं लेते तो वहां हजारों लोग मारे जाते।

याद आया जलियांवाला : उन्होंने कल की घटना की तुलना जलियांवाला बाग की घटना से करते हुए दावा किया कि रामलीला मैदान पर मुझे गिरफ्तार करने के बाद मेरा एनकाउंटर करने या मुझे गायब कर देने की तैयारी थी। वहां मेरी हत्या करने की साजिश थी। जब तीन जून को दिल्ली के एक होटल में भी हमारी सरकार से बातचीत चल रही थी, तब भी रामलीला मैदान पर बड़ी तादाद में पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए थे।

...तो सोनिया जिम्मेदार : रामदेव ने कहा कि यदि मेरे जीवन के समक्ष कोई खतरा उत्पन्न होता है तो इसकी जिम्मेदारी सोनिया गांधी और कांग्रेस की होगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी, लेकिन आगे क्या रणनीति अपनायी जाएगी, इसका जल्द ही खुलासा करेंगे।

आपातकाल जैसा अत्याचार : योगगुरु ने कहा कि सरकार कालेधन पर अध्यादेश तो नहीं लाई, लेकिन उसने आपातकाल जैसा अत्याचार किया। योगगुरु के चेहरे पर परेशानी और चिंता साफ देखी जा सकती थी। वे महिलाओं की उसी पोशाक में मीडिया से मुखातिब हुए, जिसे पहनकर कल मध्यरात्रि के बाद रामलीला मैदान से बाहर निकले थे।

हमें धमकी दी गई थी : रामदेव ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत होने के बाद हमें यह धमकी दी गई थी कि या तो हम बात मान लें या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। इसलिए आचार्य बालकृष्ण से यह झूठ बोलकर दबाव में एक खत पर दस्तखत कराए गए कि चिट्ठी दिखाकर प्रधानमंत्री को विश्वास में लेना है। उन्होंने कहा कि कल देर रात भी सरकार की ओर से जो चिट्ठी हमारे पास पहुंची, उसमें कालेधन के मुद्दे का कोई जिक्र नहीं था।

कांप जाती है आत्मा : उन्होंने कहा कि कालीरात को जब मैं याद करता हूं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं और मेरी आत्मा कांप उठती है। रामलीला मैदान पर कल मध्यरात्रि को जो हुआ वह बर्बरता की सारी हदें पार गया। मैंने वहां कार्रवाई करने आए पुलिसकर्मियों से निर्दोष महिलाओं और बच्चों पर लाठियां नहीं बरसाने का बार-बार अनुरोध किया, लेकिन रामलीला मैदान पर पुलिस का दमन चक्र चलता रहा।

कुटिल हैं कपिल सिब्बल : रामदेव ने सीधे मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा कि सिब्बल कुटिल और शातिर दिमाग के व्यक्ति हैं। उन्होंने हमारे साथ कुटिलता से चालें चलीं। उन्होंने कांग्रेस महासचिव दिग्विजयसिंह के बारे में भी कहा कि जो लोग गैर-जिम्मेदार हैं और बेबुनियाद आरोप लगाते हैं, उनके बारे में मैं टिप्पणी करना उचित नहीं समझता।

आंदोलन को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या भाजपा द्वारा प्रायोजित करने के आरोपों पर योगगुरु ने कहा कि उन्हें अन्य संगठनों और मुस्लिम समाज के लोगों का भी समर्थन था। तीन जून को तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने भी उनसे फोन पर बात कर समर्थन जताया था। अपने सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के बारे में उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में हैं और सुरक्षित हैं।

हमने नहीं लांघी मर्यादा : रामलीला मैदान पर सिर्फ योग शिविर करने की ही अनुमति होने से जुड़े सवाल पर रामदेव ने कहा कि योग के लिए हमने अनुमति ली थी और हजारों लोगों ने वहां योग किया भी, लेकिन योगासनों के बाद भ्रष्टाचार और कालेधन के मुद्दे पर जो उपवास किया गया, वह भी योग की मर्यादा और सीमा में आता है।

रामदेव ने कहा कि सरकार विदेशों में जमा कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने, पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाएं भारतीय भाषाओं में कराने, भ्रष्टाचार के मुकदमों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करने और लोकसेवा वितरण अधिनियम बनाने के लिए विधेयक पेश करने पर सहमत हो चुकी थी, लेकिन इस संबंध में वह लिखित आश्वासन नहीं दे रही थी।

उन्होंने कहा कि कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने के बारे में अध्यादेश जारी करने को लेकर लिखित में आश्वासन नहीं देने के पीछे सरकार की यह दलील थी कि हम पहले अनशन खत्म कर दें।

...तो बेनकाब होंगे मंत्री और कांग्रेस नेता : रामदेव ने कहा कि सरकार के रुख से यह साफ होता है कि न तो वह लोकपाल का गठन करना चाहती है और न ही विदेशों में जमा कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करना चाहती है। इसके पीछे कारण यह है कि कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने से सरकार के मंत्रियों और कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के कई नेता बेनकाब हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि यह भी कहा जा रहा है कि मेरा अनशन प्रायोजित था। अगर प्रायोजित था तो फिर वहां मेरे समर्थकों पर लाठियां और आंसू गैस के गोले क्यों चलाए गए। (भाषा)

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रात में तेजी से बदला घटनाक्रम
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रविवार, 5 जून 2011( 10:24 IST )
राजधानी दिल्ली में मध्यरात्रि की पुलिस कार्रवाई के कुछ घंटे पहले और कुछ घंटे बाद का घटनाक्रम घड़ी की इन सुइयों के साथ हुआ।

* दस बजे बाबा को विमान से देहरादून ले जाया।
* सुबह लगभग 9 बजे रामदेव सफदरगंज हवाईअड्डे पर दिखाई दिए। दिल्ली से बाहर ले जाने की तैयारी।
* 5.00 बजे रामलीला मैदान लगभग खाली हो गया।
* तड़के 4.10 बजे रामलीला मैदान पर बिजली काटी गई।
* 3.15-4.00 बजे के बीच पुलिस ने मंच और टेंटों को उखाड़ना शुरू कर दिया।
* 2.45 से 3.15 बजे के बीच पुलिस बाबा को गिरफ्तार कर अज्ञात स्थान पर ले गई।
* मध्यरात्रि के बाद 2.00 से 3.00 बजे के बीच पुलिस ने रामलीला मैदान पर आंसूगैस के गोले छोड़े। समर्थकों की भीड़ तितर-बितर हो गई।
* 2.00 से 2.30 बजे बाबा अपने समर्थकों के पास मंच पर गए। पुलिस ने मंच को घेरे में ले लिया। समर्थकों ने पुलिसकर्मियों को मंच पर चढ़ने से रोका।
* मध्यरात्रि के बाद 1.15 पुलिस बल मंच पर पहुंचा जहां बाबा सोए हुए थे। बाबा के समर्थकों ने उन्हें अपने घेरे में ले लिया तथा मंच के नीचे ले गए। समर्थकों ने बाबा को कंधे पर उठा लिया।
* पांच जून मध्यरात्रि के बाद 12.30 बजे से एक बजे : सैंकडों पुलिस कर्मियों ने रामलीला मैदान पर धावा बोला। पुलिस अधिकारियों ने बाबा को गिरफतार करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि उनके पास मैदान को सवेरे तक खाली कराने के आदेश हैं।
* शाम साढ़े सात बजे सरकार की कार्रवाई से क्षुब्ध बाबा रामदेव ने सरकार पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया और अनिश्चितकालीन अनशन जारी रखने की घोषणा की।
* शाम सवा सात बजे केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेंस में बाबा रामदेव का कथित पत्र सार्वजनिक किया।
* चार जून शाम सात बजे सरकार ने बाबा रामदेव को फोनकर मानी मांग। (वार्ता/वेबदुनिया न्
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