Hi this is Manthan Aryan is here. ***************************** आसमा से उपर.... एक उड़ान की ख़्वाहिश है..!! जहाँ हो हर क़दम सितारो पर.... उस ज़मीन की ख़्वाहिश है..!! जहाँ पहचान हो लहू की हर एक बूँद की.... उस नाम की ख़्वाहिश है..!! जहाँ खुदा भी आके मुझसे पूछे..... "बता, क्या लिखू तेरे मुक्क़दर मे....?" उस मुकाम की ख़्वाहिश है..!! *************************** इस अजनबी सी दुनिया में, अकेला इक ख्वाब हूँ. सवालों से खफ़ा, चोट सा जवाब हूँ. जो ना समझ सके, उनके लिये “कौन”. जो समझ चुके, उनके लिये किताब हूँ
Monday, June 6, 2011
मीडिया को भगाने के लिए पुलिस ने काटा बिजली कनेक्शन
http://anaryan.hi5.com
मीडिया को भगाने के लिए पुलिस ने काटा बिजली कनेक्शन
Jun 06, 12:58 am
नई दिल्ली, जासं : रामलीला मैदान में दिल्ली पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई को जब मीडिया कर्मी कैमरे में कैद कर लाइव दिखा रहे थे, उसी समय पंडाल की बिजली काट दी गई। इससे पंडाल में अंधेरा पसर गया। अंधेरा होने के बावजूद मीडिया कर्मी पंडाल में ही डटे रहे।
तड़के सवा चार बजे पुलिस ने मीडिया कर्मियों को भी पंडाल खाली करने को कहा था। इस पर मीडिया कर्मियों ने जब पुलिस अधिकारियों से इसका कारण पूछा तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। उनकी मंशा थी कि अगर मीडिया के लोग भी पंडाल से चले जाएं तो उनकी बर्बरतापूर्ण कार्रवाई पर किसी की नजर नहीं जाएगी और वे अपनी मनमर्जी से कुछ भी कर सकेंगे। जब मीडिया कर्मी वहां से नहीं हटे तो खुन्नस में आकर पुलिस ने पूरे पंडाल का बिजली कनेक्शन काट दिया।
**********************************************************
भगदड़ में जा सकती थी सैकड़ों जानें
Jun 05, 08:20 pm
बताएं
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : रामलीला मैदान में शनिवार रात पुलिस आधी रात उस समय पंडाल में पहुंची जिस समय बाबा समेत उनके सभी समर्थक व मीडियाकर्मी गहरी नींद में सो रहे थे। अचानक हजारों पुलिसकर्मियों की एक साथ कार्रवाई से पंडाल में अफरा-तफरी मच गई। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग सभी इधर-उधर भागने लगे। शुक्र है कि कोई हताहत नहीं हुआ। वरना, जिस तरह कार्रवाई की गई, उससे भगदड़ में सैकड़ों लोगों की जान जा सकती थी।
पुलिस ने यहां सबसे बड़ी चूक यह कि पंडाल में बने तीन आपातकालीन गेट नहीं खोले। हमदर्द चौराहे की तरफ वाले केवल एक गेट को ही खुला रहने दिया गया। उस समय पंडाल में 60 हजार लोग थे। भगदड़ मची तो सभी एक-दूसरे को धक्का देते, गिरते-पड़ते भागने लगे। जो गिर गया, कुचला गया। पुलिस के डंडे व कुचले जाने से सैकड़ों लोग बेहोश हो गए। जब भीड़ कम हुई तब पुलिस ने कुछ लोगों को वहां से उठाकर पास के अस्पताल में पहुंचाया और कुछ को वहीं छोड़ दिया गया। पंडाल में हर तरफ लोगों की चप्पल, जूते व सामान बिखरा पड़ा था। नजारा साफ बयां कर रहा था कि कानून के रखवाली पुलिस ने ही कानून की किस कदर धज्जियां उड़ाई हैं। कानून के जानकारों का कहना है कि आसूं गैस के गोले खाली मैदान व सड़कों पर छोड़े जाते हैं, किंतु चारदीवारी के बीच बंद पंडाल में इस तरह की कार्रवाई गलत है।
**********************************************************************
आसूं गैस छोड़ने से पंडाल में लगी आग
Jun 05, 08:30 pm
बताएं
नई दिल्ली, जासं : रामलीला मैदान में शनिवार रात आंसू गैस के गोले छोड़ने से पंडाल में आग भी लग गई। बंद पंडाल में आसू गैस के गोले छोड़ने व खुद को हजारों की संख्या में पुलिसकर्मियों से घिरा देख लोगों के दिल में डर समा गया। लोगों को आशंका थी कि कहीं पुलिस उन पर गोलियां न चला दें। इन्हीं वजहों से पंडाल में डर व दम घुटने के कारण सैकड़ों लोग बेहोश हो गए। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का भी यही मानना है।
यहां सवाल है कि आग अगर पूरे पंडाल में फैल जाती तब क्या होता। आखिर इस घटना के लिए तब कौन जिम्मेदार होता। पुलिस के लिए सवाल तो कई हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। वे अपने कार्रवाई से संतुष्ट है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment