Hi this is Manthan Aryan is here. ***************************** आसमा से उपर.... एक उड़ान की ख़्वाहिश है..!! जहाँ हो हर क़दम सितारो पर.... उस ज़मीन की ख़्वाहिश है..!! जहाँ पहचान हो लहू की हर एक बूँद की.... उस नाम की ख़्वाहिश है..!! जहाँ खुदा भी आके मुझसे पूछे..... "बता, क्या लिखू तेरे मुक्क़दर मे....?" उस मुकाम की ख़्वाहिश है..!! *************************** इस अजनबी सी दुनिया में, अकेला इक ख्वाब हूँ. सवालों से खफ़ा, चोट सा जवाब हूँ. जो ना समझ सके, उनके लिये “कौन”. जो समझ चुके, उनके लिये किताब हूँ
Monday, January 26, 2009
I AM PROUD TO BE AN INDIAN
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I AM PROUD TO BE AN INDIAN
dont u think u r proud to be a the part of this nation.....just think about nation & yourself . which makes your chest feel a hard proud ..
YES WE R THE INDIANS AND WE R PROUD TO BE AN INDIAN description:
the Republic Day of India
http://anaryan.hi5.com
26th of January is celebrated as the Republic Day of India. 26th January 1950, on this day the constitution of India came into effect and India became a truly sovereign(self governing) state, and complete republican country. Today, the Republic Day is celebrated with much enthusiasm all over the country and especially in the capital, New Delhi where the celebrations start with the Presidential to the nation.
It is one of three annual national holidays in India, the other two being the nation's Independence Day on August 15 (since 1947) and the birthday of Mohandas K Gandhi or Mahatma Gandhi on October 2. And so, after the disposal of the Empire of India; King George VI was the last and only "King" of the modern India. So, the 26th of January was decreed a national holiday and has been recognized and celebrated as the Republic Day of India, ever since. Today, the Republic Day is celebrated with much enthusiasm all over the country and especially in the capital, New Delhi where the celebrations start with the Presidential to the nation.
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NOW ITS TIME TO MAKE UNIT
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उदारता,सहिष्णुता ये सदगुण है,परन्तु जब राष्ट्र के सम्मान और सुरक्षा से खिलवाड हो रहा हो तो वही उदारता,सहिष्णुता कायरता बन जाती है!परन्तु आम हिन्दु कैसा सोचता है?उन्हे वन्देमातरम कहना अच्छा नही लगता न?आग्रह छोड दो.वे बाबर और औरन्गज़ेब को महापुरुष मानते है न? मानने दो.उन्हे मस्जिदो के सामने बाजा बजाना पसन्द नहि है ना? मत बजाओ.उन्हे सम्प्रदाय के आधार पर विशेष सुविधाए और आरक्षण चाहिए ना? दे दो.उन्हे गौहत्या करनी है ना? करने दो! हिन्दुओ कि यही मानसिकता गलत है.इसि मानसिकता के कारण अलगाववाद को बढावा मिलकर देश का विभाजन हुआ.अगर ये बिखरी हुइ हिन्दु शक्तिया सन्गठित नहि हुइ तो आने वाला कल??
कल मौत आने को ही है तेरे भी द्वार।
क्या होगा बहाने से यूँ आँसुओं की धार
फैल रहा है जहाँ में ये जो पापाचार।
इसका है प्यारे सिर्फ एक उपचार॥
भाइयों से बड़ा भाई बन मेरे यार।
चाकुओं के आगे तू निकाल तलवार॥
बंदुकों के आगे प्यारे बम फोड़ दे।
जिन्दगी जो चाहे कायरता छोड़ दे॥
औरों के लिया न बोलेगा वो मारा जायेगा।
कल घाट मौत के वो भी उतारा जायेगा॥
गर हम गैरों के सहारे नहीं बने तो
कौन बनने को हमारा सहारा आयेगा
NOW ITS TIME TO MAKE UNIT
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