Hi this is Manthan Aryan is here. ***************************** आसमा से उपर.... एक उड़ान की ख़्वाहिश है..!! जहाँ हो हर क़दम सितारो पर.... उस ज़मीन की ख़्वाहिश है..!! जहाँ पहचान हो लहू की हर एक बूँद की.... उस नाम की ख़्वाहिश है..!! जहाँ खुदा भी आके मुझसे पूछे..... "बता, क्या लिखू तेरे मुक्क़दर मे....?" उस मुकाम की ख़्वाहिश है..!! *************************** इस अजनबी सी दुनिया में, अकेला इक ख्वाब हूँ. सवालों से खफ़ा, चोट सा जवाब हूँ. जो ना समझ सके, उनके लिये “कौन”. जो समझ चुके, उनके लिये किताब हूँ
Monday, January 26, 2009
NOW ITS TIME TO MAKE UNIT
http://anaryan.hi5.com
उदारता,सहिष्णुता ये सदगुण है,परन्तु जब राष्ट्र के सम्मान और सुरक्षा से खिलवाड हो रहा हो तो वही उदारता,सहिष्णुता कायरता बन जाती है!परन्तु आम हिन्दु कैसा सोचता है?उन्हे वन्देमातरम कहना अच्छा नही लगता न?आग्रह छोड दो.वे बाबर और औरन्गज़ेब को महापुरुष मानते है न? मानने दो.उन्हे मस्जिदो के सामने बाजा बजाना पसन्द नहि है ना? मत बजाओ.उन्हे सम्प्रदाय के आधार पर विशेष सुविधाए और आरक्षण चाहिए ना? दे दो.उन्हे गौहत्या करनी है ना? करने दो! हिन्दुओ कि यही मानसिकता गलत है.इसि मानसिकता के कारण अलगाववाद को बढावा मिलकर देश का विभाजन हुआ.अगर ये बिखरी हुइ हिन्दु शक्तिया सन्गठित नहि हुइ तो आने वाला कल??
कल मौत आने को ही है तेरे भी द्वार।
क्या होगा बहाने से यूँ आँसुओं की धार
फैल रहा है जहाँ में ये जो पापाचार।
इसका है प्यारे सिर्फ एक उपचार॥
भाइयों से बड़ा भाई बन मेरे यार।
चाकुओं के आगे तू निकाल तलवार॥
बंदुकों के आगे प्यारे बम फोड़ दे।
जिन्दगी जो चाहे कायरता छोड़ दे॥
औरों के लिया न बोलेगा वो मारा जायेगा।
कल घाट मौत के वो भी उतारा जायेगा॥
गर हम गैरों के सहारे नहीं बने तो
कौन बनने को हमारा सहारा आयेगा
NOW ITS TIME TO MAKE UNIT
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