Monday, June 6, 2011

गांधी जी होते तो ऐसा अत्याचार देख रो पड़ते,.............पूरा करना है बापू का सपना




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गांधी जी होते तो ऐसा अत्याचार देख रो पड़ते
Jun 06, 12:59 pm

हरिद्वार। भ्रष्टाचार और कालेधन के मुद्दे को लेकर हरिद्वार के पतंजलि योग पीठ में अनशन पर बैठे बाबा रामदेव ने सोमवार को एक बार फिर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई से आहत बाबा रामदेव ने कहा कि अगर गांधी जी आज जिंदा होते तो वह भी इस तरह का अमानवीय अत्याचार देखकर रो पड़ते।

हरिद्वार में बाबा रामदेव ने कहा, 'रामलीला मैदान में पुलिस कार्रवाई के दौरान घायल हुए लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन अब वहां से भी लोगों को जबरन निकाला जा रहा है ताकि मुकदमा दर्ज न हो सके। गम्भीर रूप से घायल लोग अभी अस्पतालों में मौजूद है।'

रामदेव ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मेरा समर्थन करने वाले सभी राजनीतिक, अध्यात्मिक और समाजसेवी संगठनों का मैं आभार व्यक्त करता हूं। पूरे देश में करोड़ों लोग इस घटना से इस कदर आहत है कि उन्होंने अपना शोक प्रकट करने के लिए व्यावसायिक प्रतिष्ठान और बाजार स्वयं ही बंद कर दिए है। देशभर में लोग विभिन्न तरीके से अपना विरोध दर्ज करा रहे है।

एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इस घटना के बाद भी काफी निराशाजनक बयान दे रही है। खबर का हवाला देते हुए रामदेव ने कहा कि सरकार कह रही है कि जैसा रामदेव के साथ किया गया वैसा ही अन्य लोगों के साथ भी किया जाएगा।
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पूरा करना है बापू का सपना
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नई दिल्ली, शनिवार, 4 जून 2011( 18:01 IST )
बाबा रामदेव ने कहा कि वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और शहीद भगतसिंह के उन सपनों को पूरा करना चाहते हैं जो उन्होंने भारत के लिए देखा था।

आज से शुरू हुए अपने अनशन के दौरान रामदेव ने भारी तादाद में मौजूद अपने समर्थकों से कहा कि हमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और शहीद-ए-आजम भगतसिंह के उन सपनों को पूरा करना है, जो उन्होंने भारत के लिए देखा था।

अनशन स्थल के मंच पर मौजूद कुछ लोगों द्वारा उन्हें ‘महापुरुष’ बताए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए रामदेव ने कहा कि मैं महापुरुष नहीं हूं और न ही ऐसा बनने की कोशिश कर रहा हूं।

इस देश के महापुरुष महात्मा गांधी, भगत सिंह और स्वामी विवेकानंद जैसे लोग हैं। मैं महापुरुषों के आगे नहीं, बल्कि उनके पीछे उनके बताए रास्तों पर चलना चाहता हूं।

मंच पर मौजूद दो कवियों ने जब अपनी कविताओं के जरिए कांग्रेस महासचिव दिग्विजयसिंह पर निशाना साधना चाहा तो रामदेव ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने दोहराया कि वह किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं हैं।

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