Hi this is Manthan Aryan is here. ***************************** आसमा से उपर.... एक उड़ान की ख़्वाहिश है..!! जहाँ हो हर क़दम सितारो पर.... उस ज़मीन की ख़्वाहिश है..!! जहाँ पहचान हो लहू की हर एक बूँद की.... उस नाम की ख़्वाहिश है..!! जहाँ खुदा भी आके मुझसे पूछे..... "बता, क्या लिखू तेरे मुक्क़दर मे....?" उस मुकाम की ख़्वाहिश है..!! *************************** इस अजनबी सी दुनिया में, अकेला इक ख्वाब हूँ. सवालों से खफ़ा, चोट सा जवाब हूँ. जो ना समझ सके, उनके लिये “कौन”. जो समझ चुके, उनके लिये किताब हूँ
Monday, September 21, 2009
||ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्||
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ταπнα гεнπα šεεκн гαнα нΘΘπ
мαг καγ jεεπα šεεκн гαнα нΘΘπ
мαπg καγ ραπα šεεκн lιγα нαι
ρα καγ κнΘπα šεεκн гαнα нΘΘπ
šαвαг κΘ zα∂-ε-гαн вαπα καг
καπcн ραγ cнαlπα šεεκн гαнα нΘΘπ
ρнιгταγ, ρнιгταγ šεнгα, šεнгα
ργααš κΘ ρεεπα šεεκн гαнα нΘΘπ
мαгнαм τΘ гακнπα πα ααγα
zακнм κнΘΘгαcнπα šεεκн гαнα нΘΘπ
jεεπαγ καγ нαιπ αjαв ταqαzαγ
zιπ∂α гεнπα šεεκн гαнα нΘΘπ
мα∂нΘΘšнεε παγ вΘнατ šατααγα
нΘšн мαιπ гεнπα šεεκн гαнα нΘΘπ
вαгšΘπ gμzгαγ ρнιг внι αв τακ
мααπ šαγ вιcнcнαгπα šεεκн гαнα нΘΘπ
∂αг καг zεнαг καγ ργααlαγ šαγ
šμcн κΘ cнμρααπα šεεκн гαнα нΘΘπ
гΘταγ гΘταγ αμгΘπ ραг
κнμ∂ ραγ нαπšπα šεεκн гαнα нΘΘπ
gнμм παγ мμjн κΘ вΘнατ нαι κнαγα
αв gнαм κнαπα šεεκн гαнα нΘΘπ
ιš ραγ нαιгαπ нΘτα нΘΘπ
καгταв, κγα κγα šεεκн гαнα нΘΘπ...
असमा के तारे अक्सर पूछते है हमसे
क्या तुम्हे आज भी इंतज़ार है उसके लौट आने का.
और ये दिल मुस्कुरा के कहता है
मुझे तो अब तक यक़ीन ना हुआ उसके चले जाने का...
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