Hi this is Manthan Aryan is here. ***************************** आसमा से उपर.... एक उड़ान की ख़्वाहिश है..!! जहाँ हो हर क़दम सितारो पर.... उस ज़मीन की ख़्वाहिश है..!! जहाँ पहचान हो लहू की हर एक बूँद की.... उस नाम की ख़्वाहिश है..!! जहाँ खुदा भी आके मुझसे पूछे..... "बता, क्या लिखू तेरे मुक्क़दर मे....?" उस मुकाम की ख़्वाहिश है..!! *************************** इस अजनबी सी दुनिया में, अकेला इक ख्वाब हूँ. सवालों से खफ़ा, चोट सा जवाब हूँ. जो ना समझ सके, उनके लिये “कौन”. जो समझ चुके, उनके लिये किताब हूँ
Thursday, September 3, 2009
WHO AM I?
http://anaryan.hi5.com
I DONT KNOW ABT ME , WHO AM I ?
I AM SEARCHING ABT MYSELF.............
TILL NOW.................
WHO AM I?
this is the biggest quest for me too...
am i just a normal .. human
who use to live for eating and workin....?????
NO ... I M NT THAT ...BUT Then WHo AM I???
LEt ME XPLore MY self ...WHO AM I????????
I AM Challenge ..which cant be challenged ........
I AM a Catalst Of LOvE n EMotions
I m HUman WId Ucommon Spirits
BEcoz i M Nt normal ..
I m ABnormal ... ;)
I define LIfe ..with Diffence......
I m Fire BUrning ...To Light Up the Dark............
I m SAvaGE...becoz.... we cant leave Our ..born Identies...
I AM WArior ..who Fights for Truth ...
BUt do I justify ... whatever ..I wrote .......
I DO ............
BEcoZ.......
" I AM DEFiNaTION Of VersTality .."
In this WORLd .. i HAv my Identity ...
as
Manthan Aryan...............
.........
आसमा से उपर....
एक उड़ान की ख़्वाहिश है..!!
जहाँ हो हर क़दम सितारो पर....
उस ज़मीन की ख़्वाहिश है..!!
जहाँ पहचान हो लहू की हर एक बूँद की....
उस नाम की ख़्वाहिश है..!!
जहाँ खुदा भी आके मुझसे पूछे.....
"बता, क्या लिखू तेरे मुक्क़दर मे....?"
उस मुकाम की ख़्वाहिश है..!!
उस मुकाम की ख़्वाहिश है..!!
.........
रहो जमीं पे मगर आसमां का ख्वाब रखो
तुम अपनी सोच को हर वक्त लाजवाब रखो
खड़े न हो सको इतना न सर झुकाओ कभी
तुम अपने हाथ में किरदार की किताब रखो
उभर रहा जो सूरज तो धूप निकलेगी
उजालों में रहो मत धुंध का हिसाब रखो
मिले तो ऐसे कि कोई न भूल पाये तुम्हें
महक वंफा की रखो और बेहिसाब रखो
अक्लमंदों में रहो तो अक्लमंदों की तरह
और नादानों में रहना हो रहो नादान से
वो जो कल था और अपना भी नहीं था दोस्तों
आज को लेकिन सजा लो एक नयी पहचान से
जीवन का सफर होता मुकम्मल उनका ही मानो
जो तीखे दर्द में चेहरे पे इक मुस्कान रखते हैं
on good liner i have read as follow:
Life may not be the party as we hoped for but, while we are here, we should DANCE......
A simple man believes in a life which have full of excitement who cares about his frnds and commited about his words and more..
interesting in me is my ZEST to be true to all whome i know and sure be a frend in need.
AND FEW LINES WHICH I FEEL KEEP ME GOIN ON.....
BULATA HAI MUJE YE AASMA KHATA HAI KOSIS KAR MUJE CHUNE KI
PAR DIL KA JAJBA ITNA BULAND HAI KI KAHATA HAI AASMA SE
KOSIS KAR KUCH OR UUCHA HONE KI
EK AHSAAS :
"मातृभूमि, मातृसंस्कृति और मातृभाषा। यह तीन देवियां हैं, इनका सम्मान करना चाहिए। इनही से ही संसार में सम्मान मिलता है।"
Few gud lines......explore it.....
"When you are inspired by some great purpose,some extraordinary project,all your thoughts break their bonds:your mind transcends limitations,your consciousness expands in every direction and you find yourself in a new, great and wonderful world..."
few good lines i read from MADHUSHALA...
नहीं चाहता, आगे बढ़कर छीनूँ औरों की हाला,
नहीं चाहता, धक्के देकर, छीनूँ औरों का प्याला,
साकी, मेरी ओर न देखो मुझको तिनक मलाल नहीं,
इतना ही क्या कम आँखों से देख रहा हूँ मधुशाला।।
जो आके रुके दामन पे 'सबा'
वो अश्क़ नहीं हैं पानी है
जो आँसू न छलके आँखों से
उस अश्क़ की क़ीमत होती है
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