Thursday, September 3, 2009

मैं न जानू की कौन हूँ मैं, लोग कहते है सबसे जुदा हूँ मैं,


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मैं न जानू की कौन हूँ मैं,
लोग कहते है सबसे जुदा हूँ मैं,
मैने तो प्यार सबसे किया,
पर न जाने कितनो ने धोखा दिया।

चलते चलते कितने ही अच्छे मिले,
जिनने बहुत प्यार दिया,
पर कुछ लोग समझ ना सके,
फिर भी मैने सबसे प्यार किया।

दोस्तो के खुशी से ही खुशी है,
तेरे गम से हम दुखी है,
तुम हंसो तो खुश हो जाऊंगा,
तेरे आँखो मे आँसु हो तो मनाऊंगा।

मेरे सपने बहुत बढे़ है,
पर अकेले है हम, अकेले है,
फिर भी चलता रहऊंगा,
मजिंल को पाकर रहऊंगा।

ये दुनिया बदल जाये पर कितनी भी,
पर मै न बदलऊंगा,
जो बदल गये वो दोस्त थे मेरे,
पर कोई ना पास है मेरे।

प्यार होता तो क्या बात होती,
कोई तो होगी कहीं न कहीं,
शायद तुम से अच्छी या,
कोई नहीं नही इस दुनिया मे तुम्हारे जैसी।

आसमान को देखा है मैने, मुझे जाना वहाँ है,
जमीन पर चलना नही, मुझे जाना वहाँ है,
पता है गिरकर टुट जाऊंगा, फिर उठने का विश्वास है
मै अलग बनकर दिखालाऊंगा।

पता नही ये रास्ते ले जाये कहाँ,
न जाने खत्म हो जाये, किस पल कहाँ,
फिर भी तुम सब के दिलो मे जिंदा रहऊंगा,
यादो मे सब की, याद आता रहऊंगा।


मै वोहि हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे
दिन मे सौ बार मेरा नाम लिया करते थे
आज क्या बात है क्यो मुझसे खफा बैठे हो
क्या किसी और का दिल अपना बना बैठे हो ?
फासले पहले तो इतने ना हुआ करते थे
मै वोहि हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे
माना की ये गम है कोई सौगात नही
तुम हमे अपना कहो ऐसे भी हलात नही
अगर भूल गये हो, तो कोई बात नही
ज़ख्म तो पहले भी इस दिल पे लगा करते थे
मै वोहि हूं, जिसे तुम प्यार किया करते थे
जी मै आता है की आज तुम्हे तडपा दूं
दर्द जो तुमने दिये वो सब तुम को लौटा दूं
अगर भूल गये हो तो ये बतला दूं
तुम मुझे हासिल-ए-अरमान कहा करते थे
मै वोहि हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे.


आसमा से उपर....
एक उड़ान की ख़्वाहिश है..!!
जहाँ हो हर क़दम सितारो पर....
उस ज़मीन की ख़्वाहिश है..!!
जहाँ पहचान हो लहू की हर एक बूँद की....
उस नाम की ख़्वाहिश है..!!
जहाँ खुदा भी आके मुझसे पूछे.....
"बता, क्या लिखू तेरे मुक्क़दर मे....?"
उस मुकाम की ख़्वाहिश है..!!
उस मुकाम की ख़्वाहिश है..!!
.........
.........

किसी ने पूछा दोस्त क्या है ?
मैने काँटो पैर चल कर बता दिया
कितना प्यार करोगे दोस्त को?
मैने पूरा आसमान दिखा दिया
कैसे रखोगे दोस्त को?
मैने हल्के से फूलों को सेहला दिया
किसी की नज़र लग गयी तो ?
मैने पल्को में उस को चुपा लिया
जान से भी प्यारा दोस्त किसे केहते हो ?
मैने आपका नाम बता दिया

इतने दोस्तो मे भी एक दोस्त की तलाश है मुझे
इतने अपनो मे भी एक अपने की प्यास है मुझे


छोड आता है हर कोइ समन्दर के बीच मुझे
अब डूब रहा हु तो एक सािहल की तलाश है मुझे

लडना चाहता हु इन अन्धेरो के गमो से
बस एक शमा के उजाले की तलाश है मुझे

तग आ चुका हु इस बेवक्त की मौत से मै
अब एक हसीन िजन्द्गी की तलाश है मुझे

दीवना हु मै सब यही कह कर सताते है मुझे
जो मुझे समझ सके उस शख्श की तलाश है मुझे||

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