Tuesday, June 7, 2011

दिल्ली पुलिस की असलियत अब सामने आई...किसी को नहीं पता कहां हैं बालकृष्ण..कालाधन वापस लाने के लिए आइटी को मिले 30 लाख पत्र.





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दिल्ली पुलिस की असलियत अब सामने आई
Jun 07, 01:35 am

नई दिल्ली। हमेशा बाबा रामदेव के साथ नजर आने वाले आचार्य बालकृष्ण का पिछले दो दिनों से कोई पता नहीं है। बाबा रामदेव का कहना है कि रामलीला मैदान से गायब हुए अधिकांश लोग दिल्ली पुलिस के कब्जे में हैं।

आचार्य बालकृष्ण, रामदेव के सबसे निकटस्थ माने जाते हैं। शनिवार को पुलिसिया कार्रवाई से पहले वह दिल्ली के रामलीला मैदान में रामदेव के करीब ही दिखाई दिए थे। आचार्य बालकृष्ण की गैर मौजूदगी के बारे में सोमवार को जब रामदेव से पूछा गया तो उन्होंने सीधा जवाब देने के बजाय कहा, 'रामलीला मैदान से गायब हुए अधिकांश लोग दिल्ली पुलिस के कब्जे में हैं।' गौरतलब है कि एक दिन पहले उंन्होंने बालकृष्ण से बातचीत होने और उनके किसी गोपनीय मिशन पर लगे होने की बात कही थी। इस बाबत जब दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी.के. गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बालकृष्ण को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में नहीं लिया है।


दिखाई बाबा के समर्थकों की गिरफ्तारी


नई दिल्ली [जागरण संवाददाता। बाबा रामदेव के सत्याग्रह को कुचलने के लिए बर्बरतापूर्ण कार्रवाई करने वाली दिल्ली पुलिस की एक और असलियत सामने आई है। पुलिस ने रामलीला मैदान से शनिवार रात बाबा के दस समर्थकों को हिरासत में लिया था, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं दिखाई गई थी। सोमवार को पुलिस ने सभी को गुपचुप तरीके से अदालत में पेश कर दिया।

घटना के बाद से ही बाबा रामदेव के समर्थकों के गायब होने की बात कही जा रही थी। उधर, पुलिस अधिकारी गिरफ्तारी से साफ इनकार कर रहे थे, लेकिन सोमवार को पुलिस ने बाबा के दस समर्थकों को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया। सभी पर दंगा भड़काने, सरकारी कर्मचारियों से मारपीट व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस द्वारा गिरफ्तार लोगों में रवि नौटियाल, रोने ओनाम [असम], अजीरथ [राजस्थान], राम नरेश [मध्य प्रदेश], सुरेंद्र, सर्वजीत, प्रेम, योगेंद्र, हरिओम [हरियाणा] व अमन [दिल्ली] शामिल हैं।

पुलिस की पिटाई से घायल हुए लोगों को बाबा रामदेव के समर्थक हरिद्वार लेकर चले गए हैं। कोमा की हालत में राजबाला नामक महिला अभी जीबी पंत अस्पताल के आइसीयू में भर्ती है। रामलीला मैदान में छूट गया सामान भी लोगों को नहीं मिल रहा है। सामान पाने के लिए लोग भटक रहे हैं। पांच लोगों ने कमला मार्केट थाने में सामान नहीं मिलने की शिकायत की है।
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कालाधन वापस लाने के लिए आइटी को मिले 30 लाख पत्र
Jun 07, 08:07 am
बताएं

नई दिल्ली। बाबा रामदेव के आंदोलन से जारी हंगामे के बीच आयकर विभाग में पत्रों की बाढ़ आ गई है। अब तीस लाख से अधिक हस्ताक्षर युक्त पत्र मिल चुके हैं। इन पत्रों में देश के बाहर छुपाकर रखे गए कालाधन को वापस लाने की मांग की गई है। आयकर विभाग इन पत्रों की उपयोगिता की जांच करने में लगा है।

बाबा रामदेव द्वारा पहले भेजे गए इन पत्रों के बड़े-बडे़ पैकेट अब राजस्व सचिव के कार्यालय से आयकर विभाग की खुफिया इकाई को भेजे गए हैं। हालांकि विभाग को या केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के नार्थ ब्लॉक कार्यालय को ऐसे पत्रों का मिलना अब भी बंद नहीं हुआ है।

आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन पत्रों का कोई उपयोग नहीं है क्योंकि इनमें कार्रवाई करने के लायक कोई सूचना नहीं है। कुछ पत्रों में काले धन के मुद्दे पर बाबा रामदेव के आंदोलन को लेकर को लेकर उनका आभार जताया गया है। अधिकांश पत्रों पर भेजने वाले का नाम और पता दर्ज है। जबकि कुछ में कुछ लोगों ने अकूत संपत्ति कहां से अर्जित की इसकी जानकारी होने का दावा किया गया है। अधिकारी ने बताया कि जिन पत्रों के आधार पर कार्रवाई की जा सकती है उनकी सूचनाओं पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
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बाबा के समर्थन में आठ को कार्य बहिष्कार करेंगे वकील
Jun 06, 11:53 pm


नई दिल्ली। दिल्ली की विभिन्न निचली अदालतों में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों ने समाज में भ्रष्टाचार तथा रामलीला मैदान से हटाने के लिए बाबा रामदेव के खिलाफ पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई के खिलाफ आठ जून को कार्य बहिष्कार करने का सोमवार को निर्णय लिया।

दिल्ली के बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति के प्रवक्ता राजीव खोसला ने कहा कि बार महसूस करते हैं कि सरकार की ऐसी बर्बर कार्रवाई दुनिया के किसी भी लोकतात्रिक देश में सुनने को नहीं मिली। ऐसा जान पड़ता है कि पुलिस सभ्य समाज और अपराधियों के बीच अंतर भूल गई थी।

पटियाला हाऊस कोर्ट, तीस हजारी कोर्ट, द्वारका कोर्ट तथा रोहिणी कोर्ट के बार एसोसिएशनों ने आठ मई को कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

दिल्ली बार एसोसिएशन के महासचिव संजीव नास्सियर ने कहा कि बल प्रयोग से शातिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को हटाना बिल्कुल गलत है।

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