Tuesday, September 22, 2009

वरना खुदा को भी हमारी ज़रूरत है


http://anaryan.hi5.com
कोई दोस्त ऐसा बनाया जाये,
जिसके आसुओं को पलकों में छुपाया जाए,
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा,
की अगर वो रहे उदास तो हमसे भी न मुस्कुराया जाये

आपने अपनी आँखों में नूर छुपा रखा है,
होश वालो को दीवाना बना रखा है,
नाज़ कैसे न करू आपकी दोस्ती पर,
मुज जैसे नाचीज को खास बना रखा है...

फूल सुख जाते है एक वक्त के बाद,
लोग बदल जाते है एक वक़्त के बाद,
अपनी दोस्ती भी टूटेगी एक वक़्त के बाद,
लेकिन वोह वक़्त आयेगा मेरी मौत के बाद...

हम दोस्ती में हद ए गुज़र जायेंगे ,
यह जिंदगी आपके नाम कर जायेंगे,
आप रोया करेंगे हमे याद करके,
आपके दामन में इतना प्यार छोड़ जायेंगे..

तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना सकता हूँ,
तुझसे मिले बिना तेरा हाल बता सकता हूँ,
है मेरी दोस्ती में इतना दम,
अपनी आँख का आँसू तेरी आँख से गिरा सकता हूँ

दोस्ती इन्सान की ज़रूरत है,
दिलो पे दोस्ती की हुकूमत है ,
जिंदा है आपकी दोस्ती की वजह से,
वरना खुदा को भी हमारी ज़रूरत है

No comments: