Hi this is Manthan Aryan is here. ***************************** आसमा से उपर.... एक उड़ान की ख़्वाहिश है..!! जहाँ हो हर क़दम सितारो पर.... उस ज़मीन की ख़्वाहिश है..!! जहाँ पहचान हो लहू की हर एक बूँद की.... उस नाम की ख़्वाहिश है..!! जहाँ खुदा भी आके मुझसे पूछे..... "बता, क्या लिखू तेरे मुक्क़दर मे....?" उस मुकाम की ख़्वाहिश है..!! *************************** इस अजनबी सी दुनिया में, अकेला इक ख्वाब हूँ. सवालों से खफ़ा, चोट सा जवाब हूँ. जो ना समझ सके, उनके लिये “कौन”. जो समझ चुके, उनके लिये किताब हूँ
Wednesday, September 16, 2009
बस एक हाँ के इंतज़ार में रात यूँही गुज़र जायेगी....
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बस एक हाँ के इंतज़ार में रात यूँही गुज़र जायेगी....
अब तो उलझन है साथ मेरे नींद कहाँ आएगी....
सुबह की किरण न जाने कौन सा संदेसा लाएगी...
रिमझिम सी गुनगुनायेगी या प्यास अधूरी रह जायेगी...
सोंचते-सोंचते शायद बस यह रात गुज़र जायेगी...
मोहब्बत की फितरत है येही बाज़ कहाँ आएगी...
प्यार की अंस में ज़िन्दगी सिमट सी जायेगी...
और गर ना हुई तो ऐ दोस्त फिर एक बार क़यामत आएगी....
इस दीवाने की सलाहियत में फिर भी कोई कमी न आएगी....
जज़्बा है पाक मेरा यह कायनात भी सर झुकायेगी...
पर ज़िन्दगी और मौत तो फिर भी मेरी उन्ही हाँथ में जायेगी...
जिसकी याद में शायद यह सारी रात गुज़र जायेगी..... "
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