Hi this is Manthan Aryan is here. ***************************** आसमा से उपर.... एक उड़ान की ख़्वाहिश है..!! जहाँ हो हर क़दम सितारो पर.... उस ज़मीन की ख़्वाहिश है..!! जहाँ पहचान हो लहू की हर एक बूँद की.... उस नाम की ख़्वाहिश है..!! जहाँ खुदा भी आके मुझसे पूछे..... "बता, क्या लिखू तेरे मुक्क़दर मे....?" उस मुकाम की ख़्वाहिश है..!! *************************** इस अजनबी सी दुनिया में, अकेला इक ख्वाब हूँ. सवालों से खफ़ा, चोट सा जवाब हूँ. जो ना समझ सके, उनके लिये “कौन”. जो समझ चुके, उनके लिये किताब हूँ
Tuesday, December 16, 2008
जिन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है ,
ना मा, बाप, बहन , ना यहा कोई भाई है .
हर लडकी का है Boy Friend, हर लडके ने Girl Friend पायी है ,
चंद दिनो के है ये रिश्ते , फिर वही रुसवायी है .
घर जाना Home Sickness कहलाता है ,
पर Girl Friend से मिलने को टाईम रोज मिल जाता है .
दो दिन से नही पुछा मां की तबीयत का हाल ,
Girl Friend से पल - पल की खबर पायी है,
जिन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है …..
कभी खुली हवा मे घुमते थे ,
अब AC की आदत लगायी है .
धुप हमसे सहन नही होती ,
हर कोई देता यही दुहाई है .
मेहनत के काम हम करते नही ,
इसीलिये Gym जाने की नौबत आयी है .
McDonalds, PizaaHut जाने लगे,
दाल- रोटी तो मुश्कील से खायी है .
जिन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है …..
Work Relation हमने बडाये ,
पर दोस्तो की संख्या घटायी है .
Professional ने की है तरक्की ,
Social ने मुंह की खायी है.
जिन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है
- Manthan Aryan
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