Friday, December 5, 2008

अब भी जिसका खून न खौला खून नही वो पानी है,

वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमान,
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है ...

है लिये हथियार दुश्मन ताक मे बैठा उधर
और हम तैय्यार हैं सीना लिये अपना इधर
खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

हाथ जिनमें हो जुनून कटते नही तलवार से
सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से
हम तो घर से निकले ही थे बांधकर सर पे कफ़न
चाहतें दिल में भर लिये लो भर चले हैं ये कदम
जिंदगी तो अपनी मेहमान मौत की महफ़िल मे है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

दिल मे तूफानों की तोली और नसों में इन्कलाब
होश दुश्मन के उडा देंगे हमे रोको न आज
दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंजिल मे है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

अब भी जिसका खून न खौला खून नही वो पानी है,
जो देश के काम न आये वो बेकार जवानी है...........

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