Friday, October 7, 2011

सुब्रमण्यम स्‍वामी के इस लेख पर भड़का है.., स्वामी के खिलाफ मामला दर्ज....


13 comments:

Anonymous said...

पैगाम इस्लाम’ नाम के उत्तर प्रदेश के
एक संगठन ने लातूर में जारी एक फतवे में
सरे मुसलमानों से यह अपील की है की वह
इस्लाम की रक्षा और हिंदुस्तान को एक
मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए एकजुट हों.
उसने यह
फतवा सभी मुसलमानों को ‘जिहाद’ भाग
लेने के लिए जारी किया है.
उनका उद्देश्य एक बार फिर लाल
किला पर ‘चान्द तारा ‘ लहराना है.
पैगाम इस्लाम’ के बारे मे अपने अखबार मे
छापने पर इन मुल्लों ने
सामना का कार्यालय ही जला डाला,
बाकी किसी सेकुलर गटर के कीड़े
समाचार पत्र मे इतनी हिम्मत
नहीं की आस पास के आतंकी संगठनो और
मूलली संस्थाओ के बारे मे लिख सके ....

Anonymous said...

मैं अपने कांग्रेसी भाइयों और बहिनों को अपना सन्देश देना चाहता हूँ. भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, अशफाकुल्लाह, चंदशेखर आजाद, सुभाष चन्द्र बोस जैसे अनेकों क्रन्तिकारी और देशभक्त जब इस देश की आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब ब्रितानी हुकूमत ने भी इन वीर जाबांजों को देश का दुश्मन, आतंकवादी बताकर उनके आन्दोलन को हर तरह से कुचलने की कोशिश की थी क्योंकि उनका एक मात्र उद्देश्य देश की सत्ता पर काबिज रहते हुए उसकी चल-अचल सम्पत्ति को लूटना था. एक बार आप फिर से सोचिये कि कांग्रेस पार्टी क्या अलग कर रही है. बाबा रामदेव या अन्ना हजारे भी आज एक आन्दोलन कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करना है. ये कांग्रेसी हुकूमत पिछले ६०सालों से केवल अंग्रेजों के निरंकुश शासन को ही दुहरा रही है क्योंकि इनका भी एकमेव उद्देश्य सत्ता पर काबिज रहते हुए देश को लूटना है, तभी भ्रष्टाचार और मंहगाई ने आज इतना बीभत्स रूप ले लिया है. पर सच जानिए आगे आने पीढ़ियाँ केवल देशभक्तों को ही याद करेंगी, इन चोर लुटेरों गद्दारों को नहीं. अब आपको सोचना है कि आपको किसके साथ खड़ा होना है.

जय हिंद...

Anonymous said...

लाखो वर्ष पुराना देश "भारत" का "तथाकथित पिता" गांधी ! जिनका जन्म ही 1869 मे हुआ ये कैसे संभव है की वह इस फ़ौरव शाली देश का पिता कहलाए ?

कॉंग्रेस की मानसिकता देखो उसकी नजर मे लाखो महापुरुषों से भी अत्यंत महान गांधी है ?

क्या यह ही एक मात्र एतिहासिक पुरुष था क्या गांधी को पिता बनाना उन लाखो वीर महापुरुषो के साथ अन्याय नहीं ? सत्ता के लिए कॉंग्रेस किसी को भी "महात्मा" किसी को भी बाप - माँ बना सकती है और देश वासियो पर अपनी विचारधारा जबर्दस्ती थोपने की उसकी पुरानी परंपरा है इतिहास देखेंगे तो सिर्फ गांधी ही गांधी नजर आता है सार्वजनिक संस्थान, सरकारी योजनाओ को देखेंगे तो गांधी नेहरू ही नजर आता है ? ? ? ? कहाँ गए राणा प्रताप, शिवाजी, कृष्ण, अर्जुन, हर्ष वर्धन, चाणक्य, सांगा, विक्रमादित्य ? ये सब तो कॉंग्रेस के लिए सांप्रदायिक है ....

अगर इन्हे प्रोत्साहित कर दिया तो हिन्दुओ की चेतना जागृत हो जाएगी यह है कॉंग्रेस की नीति ....

वैसे यह कौनसी आजादी मिली जहां संस्कृत मिटती जा रही है.... स्कूलो ऑफिसो मे तिलक बिंदी साड़ी नहीं पहन सकते ?

भगवा कपड़े पहने व्यक्ति आतंकी कहलाए जाते है ....

मेकोले ने जो सोचा था उसकी परंपरा का निर्वहन कॉंग्रेस 65 वर्षो से बहुत अच्छे से कर रही है कैसी आजादी ?

Anonymous said...

गर्व से कहो हम हिन्दू हैं ,क्यों?- ४
by Harsh Jain .

४१)गणितज्ञ रामानुजम ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफ हार्डी के साथ सम्भावना सिद्धांत(प्रोबबिलिटी थियोरी )की खोज की. रामानुजम की मौलिक प्रतिभा को स्वयं हार्डी ने १०० में से १०० अंक दिए,जबकि स्वयं को केवल २५!

४२)शुन्य की परिकल्पना और दशमलव प्रणाली भारत के हिन्दू मनीषियों की ही खोज है.

४३)प्राचीन हिन्दू गणित के सहारे (वैदिक गणित )कठिन से कठिन गणितीय प्रश्नों का एक या दो पंक्तियों में मौखिक उत्तर संभव है.

४४)कंप्यूटर में सभी तरह की गणना के लिए प्रयुक्त द्वयंक संख्या(बाइनेरी नंबर सिस्टम) की संकल्पना हिन्दू पुरानों में हजारों वर्ष पूर्व अस्तित्व में थी.

४५)समय की सबसे सूक्ष्म(त्रुटी -१/३३७५० सेकेण्ड) और सबसे बड़ी गणना(कल्प-४३,२०,०००,००० वर्ष) भास्कराचार्य ने बहुत पहले ही कर दी.

४६)भारतीय कल गणना के अनुसार सृष्टि का निर्माण हुए अब तक १,९७,२९,४९,११२ वर्ष हो चुके हैं.और १ वर्ष की गणना है-३६५.२५९७४८४ दिन.

४७)केनेडियन विद्वान जे बी स्पार्क्स ने विश्व के अध्ययन के बाद एक विशिष्ट मानचित्र तैयार किया ,जिसे हिस्तोमेप कहा गया.यह मानचित्र
इसा पूर्व २००० से १९७५ ई तक विश्व सभ्यताओं को दर्शाता है.उन्होंने केवल दो सभ्यताओं को लगातार विद्यमान दिखाया है- हिन्दू और चीन ,चीनी सभ्यता से भी प्राचीन है हिन्दू सभ्यता.

४८)प्रसिद्द वेबस्टर के शब्दकोष में ऐसे अनेक शब्द दिए हुए हैं (विश्व की अन्य भाषाओँ के )जिनके मूल संस्कृत हैं.जैसे संस्कृत के नाम शब्द को ग्रीक में नेम और जापान में नम कहा जाता है;और हमारे मस्तिष्क के ऊपर के भाग को शिरोब्रह्म (अंग्रेजी में-सेरिब्राम) और पार्श्व भाग को शिरोविलोम (अंग्रेजी में-सेरिबेल्लम )कहा जाता है.

४९)ग्रीस के महँ दार्शनिक प्लेटो ने लिखा है की भारतीय उनके देश में ईसा पूर्व ३०० साल से भी पहले से वानस्पतिक औषधियां व्यापर के लिए लाते थे.हिप्पोक्रेटीस ने तो एक प्रकार की औषधि का नाम ही भारतीय औषधि बताया है.

५०)गणितज्ञ पयथोगरस ने उनके विद्यार्थियों के लिए भारतीय ब्रह्मचर्याश्रम को अपना लिया था.उसे विश्वास था की हिंन्दु मतानुसार आत्मा अमर है और पुनर्जन्म भी होता है.

Anonymous said...

क्या सच मे मनमोहन सिंह कोई सिख है ?
या कोई
बहरूपिया क्षत्रियो को बदनाम करने के
लिए
जो क्षत्रिय अपनी धरती माता का एक
एक इंच भी दुश्मन को नहीं देते वही ये
बहरूपिया "क्लीव" बांग्लादेश को 435
एकड़ भूमि बाँट आया

सलमान खुर्सिद: सघ मे दम है तो रोक के दिखाए हिंसा बिल को ...दोस्तों १ बार पढ़ ले ले क्या है हिंसा बिल आपको खुद समझ मे आ जाएँगी इसके इरादे ... कांग्रेस का १ बड़ा नेता अगर इतने गुमान से ये बोल रहा है तो समझ लीजिये इसमें उसकी अपनी आवाज़ नहीं है ये पूरा कांग्रेस के समर्थन से बोल रहा है .. आगरा आप कांग्रेस समथक है तो १ बार हिंसा बिल को समझ लीजिये अगर आपको कांग्रेस से नफरत न हो गयी तो मुझे फंसी पे चदा देना

अंग्रेजो को मारा है भारत देश हमारा है
अब कांग्रेस की बारी है भारत माँ हमारी है
दुसमन समज के मारंगे देश से निकालेंगे
कांग्रेस हरजाई है हमने कसम ये खायी है
इसको मजा चाखायंगे धुल हम चटायंगे

Anonymous said...

इन मुसलमान आतन्कवादी लोगो ने देश को सिवाय जख्मो के कुछ ना दिया हो| दूसरी तरफ हिन्दु समुदाय, जिसने कभी प्रतिक्रिया वश किसी को थप्पड तक ना मारा हो, ओर उल्टे हिन्दुओ को ही आतन्कवादी बताया जाये| तो हिन्दू समुदाय मे बोखलाहट स्वभाविक है| आज हिन्दु बेबस, उपेक्शित व असहाय है| अगर यही सिलसिला चलता रहा तो आम हिन्दू जिसे राजनीति से कुछ लेना देना नही, अपने बचाव के लिये अवश्य उग्र रुप अपनायेगा| आखिर मरता क्या न करता| वाकई हम अति सहनशील है, तथा किसी भी निर्दॊष मुसलमान पर जुल्म नही कर ***ते, लेकिन जब स्वय अपना वजूद खतरे मे हो तो इन्सान सारे नियम तोड कर अपने आप को बचाता है|शायद 1947 के बटवारे मे भी ऎसा ही कुछ हुआ था|

हिन्दुश्तान में हिन्दू होना पाप होगया है?
इसका जीता जागता सबूत है साध्वी प्रज्ञां जी और अजमल कसाब, साध्वीजी सरकारी अस्पताल में खिचड़ी के भरोशे जी रहीं हैं, उनका बड़ा गुनाह ये है कि वो हिन्दू हैं, और कसाब बिरयानी खा कर मोटा तगड़ा हो रहा है, उसका योगदान ये है कि उसने हिन्दुओं को मारा है, और वो मुल्ला है, और इश कि मुख्य वजह, वर्तमान कोंग्रेस सरकार हिन्दू विरोधी और मुल्ला समर्थक है!!! अगर अब भी हमने कोंग्रेस को नहीं उखाड़ फेंका तो हमारा यही हश्र होता रहेगा!!

प्रत्यक्ष को प्रमाण देने की कोई जरुरत नहीं है .अगर अपराधों का सर्वे किया जाये तो मुसलमानों में सिर्फ दो प्रतिशत शरीफ होंगे .वह भी कानून के भय से शरीफ बन गए होंगे .एक न एक दिन सारी दुनिया को यह सत्य स्वीकार करना होगा .चूँकि भारत इस्लामी आतंक से सबसे अधिक पीड़ित है उसमे भी जानबूझकर हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है .इसलिए हमें निस्संकोच कहा चाहिए ,

"इस्लाम शांति का नहीं आतंक का धर्म है ,अल्लाह दयालु नहीं हत्यारा है

Anonymous said...

प्राचीन भारत के राजदरबारों में "भाट" हुआ करते थे जो अपने राजा को खुश करने के लिए उसकी झूठी तारीफें और उसके विरोधियों की खूब निंदा किया करते थे,और बदले में इनाम पाकर अपना भरण-पोषण करते थे ....क्या संघ विरोधी बयान पढ़कर आपको ऐसा नहीं लगता कि आज भी कांग्रेसी दरबार में इस 'प्रथा' और इस 'पद' का चलन है?

मौलवी साहब को समझाओ के यह मोदी जी हैं..कोई कांग्रेस के मनमोहन नहीं जो सत्ता के लोभ में अपना गौरव.....अपना धर्म..अपना क्रतव्य भूल जायें........और अगर प्रधान मंत्री की कुर्सी के लिए यह सब कुछ करना पड़ता है तो लानत है ऐसी कुर्सी पर......मौलवी साहब को शायद पता नहीं के आज तक राजनीति में गिड़गिड़ाते और अपनी ग़ैरत बेचते हुए कीड़े मकौड़े रेंगते थे..इसीलिए अपनी मनमानी करते रहे........भारत का शेर तो अब उतरा है मैदान में.modi zindabad

Anonymous said...

मुस्लिमो को होश संभालने के बाद से ही माँ बाप,मुल्ले मौलवियों द्वारा ये बताई जाती है कि "इस्लाम सबसे बेहतरीन मजहब है,कुरान अल्लाह की किताब है,मोहम्मद अल्लाह के रसूल थे और आखरी पैगम्बर थे,मुस्लिम लोग सबसे बेहतरीन उम्मत हैं, काम (वासना),क्रोध,लोभ,मोह और अहंकार मनुष्य के पांच सबसे बड़े शत्रु हैं,इनमे से कोई एक भी अगर मन को अपने वश में कर ले तो मन मनुष्य को पतन और अशांति की ओर ले जाता है, और अगर ये पांचो किसी के मन को अपने वश में कर ले तो उस मनुष्य को रसातल में जाने से कोई रोक नहीं सकता,यही परम सत्य ज्ञान है,यही प्रकृति के अनुरूप और विज्ञान सम्मत ज्ञान है ,जिस ज्ञान का इस्लाम में कोई नामो निशान नहीं है,उन्हें तो बचपन से ही अज्ञानता के अँधेरे कुए में धकेल दिया जाता है I १०० % दावे के साथ ये कहा जा सकता है कि अगर हर मुस्लिम बच्चे को होश संभालने के बाद से यह बोलकर कि "इस्लाम ही सबसे बेहतरीन मजहब है",Brain wash नहीं करके उसे एक साथ इस्लाम और सत्य सनातन हिन्दू धर्म को गहराई से जानने के अवसर दिए जाएँ और पूर्ण वयस्क होने के बाद उसे स्वतंत्र रूप से दोनों में से किसी एक को चुनकर अपनाने की वैकल्पिक अवसर दिया जाये तो हर मुसलमान के घर पैदा हुआ बच्चा इस्लाम के घिनौने,विध्वंश कारी ,पाशविक हत्यारे , भयंकर हिंसक और वासना एवं दुराचार से भरे चेहरे को समझ और जानकर तथा सत्य सनातन धर्म कीसत्यता,पवित्रता,संयम,सदाचार,अहिंसा और वैश्विक प्रेम को देख और जानकर इस्लाम को घृणा से थूक कर नकार देगा और सहर्ष सत्य सनातन धर्म को ही चुन लेगा ,मगर सूरज पश्चिम में उगने की तरह इस्लाम के ये कट्टर मुल्ले मौलवी कभी भी यह होने ही नहीं देंगे और मुस्लिम बच्चे बचपन से ही अंधों की तरह केवल यही जानते रहेंगे "हम ही सबसे बेहतरीन उम्मत हैं" जबकि "बेहतरीन" बनाने वाले उच्च चारित्रिक,मानसिक विचार और शिच्छायें उनसे कोशो दूर भले ही क्यों न हों I प्रसन्नता और हर्ष की बात ये है कि अब धीरे धीरे मुसलमानों के प्रबुद्ध और शिच्छित वर्ग में बड़ी संख्या में मानसिक बदलाव आ रहा है,वे अपने बुद्धि,विवेक और तर्क का प्रयोग करके इस्लाम के असली चेहरे को पहचान रहे हैं,और बड़ी संख्या में अपने पूर्वजों के पवित्रतम धर्म सनातन धर्म में वापस लौट रहे है,ये भारतवर्ष और विश्व शांति के लिए शुभ और मंगल का संकेत है I

Anonymous said...

अक्सर मुसलमान यह दावा करते रहते हैं कि इस्लाम का उदेश्य विश्व में शांति फैलाना है .क्योंकि अरबी भाषा में इस्लाम का अर्थ शांन्ति ही है .मुसलमान यह भी दावा करते हैं कि उनका अल्लाह बड़ा दयालु और मेहरबान है ,और उसने कुरान में शांति के उपदेश दिए है .
मुसलमानों के ऐसी ही लुभावनी और झूठी बारों में आकर इस्लाम को जाने बिना ही सीधे साधे लोग इसे सच समझ लेते हैं .क्योंकि उन्हें पता नहीं है कि जो इस्लाम के बारे में मुसलमान कहते हैं सब उनकी कपट नीति है .जिसका उद्देश्य अपने दुष्ट ,क्रूर ,आतंकी ,और अमानवीय कुकर्मों पर परदा डालना है.
इसके लिए मुसलमान अक्सर यह चालाकी करते हैं कि ,जब भी उनकी किताबों में कोई बुराई बताई जाती है ,तो वह उसे छुपाने के लिए तरह तरह के बहाने अपनाते हैं ,जैसे यह हदीस गलत है ,इसका अनुवाद सही नहीं है ,या हम इसे नहीं मानते .ऐसा ही 7 अक्टूबर 2011 को 11 .47 पर 'शफीक " नामके व्यक्ति ने अपनी टिपण्णी इस प्रकार से कहा था "आप कुरान से हवाले दीजिये ,हदीसें तो बाद में बनी थी ,और विश्वास के योग्य नहीं है " शफीक की ऐसी दलील को तर्कशाश्त्र में "लंगड़ी दलील ( Lame Excuse ) कहा जाता ,इस से शफीक और मुसलमान इस्लाम के आतंकी रूप को नहीं छुपा सकते . विश्व का कोई भी समुदाय युद्ध नहीं चाहता .अगर किसी कारण से युद्ध भी होजाता है ,तो शांति बनाने का प्रयास करता है . और यही कमाना करता है कि भविष्य फिर कोई युद्ध नहीं हो .लेकिन मुसलमानों का अल्लाह अपनी किताब कुरान में मुसलमानों को सदा लड़ते रहने की शिक्षा देता है .और उस शिक्षा पर अमल करके मुसलमान सदैव निष्कारण लड़ते रहते हैं ,और निर्दोष लोगों की हत्या को अपना धार्मिक फर्ज मानते है .अज जितने भी आतंकवादी हमले हो रहे हैं ,वह अल्लाह के उस आदेश के कारण है ,जो उसने कुरान में दिए हैं .

Anonymous said...

सब जानते है कि प्रत्यक्ष को प्रमाण देने की कोई जरुरत नहीं है .अगर अपराधों का सर्वे किया जाये तो मुसलमानों में सिर्फ दो प्रतिशत शरीफ होंगे .वह भी कानून के भय से शरीफ बन गए होंगे .एक न एक दिन सारी दुनिया को यह सत्य स्वीकार करना होगा .चूँकि भारत इस्लामी आतंक से सबसे अधिक पीड़ित है उसमे भी जानबूझकर हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है .इसलिए हमें निस्संकोच कहा चाहिए ,


"इस्लाम शांति का नहीं आतंक का धर्म है ,अल्लाह दयालु नहीं हत्यारा है "

अब धीरे धीरे मुसलमानों के प्रबुद्ध और शिच्छित वर्ग में बड़ी संख्या में मानसिक बदलाव आ रहा है,वे अपने बुद्धि,विवेक और तर्क का प्रयोग करके इस्लाम के असली चेहरे को पहचान रहे हैं,और बड़ी संख्या में अपने पूर्वजों के पवित्रतम धर्म सनातन धर्म में वापस लौट रहे है,ये भारतवर्ष और विश्व शांति के लिए शुभ और मंगल का संकेत है

Anonymous said...

जरा कुरान की सुर: 55और56 पर ध्यान दे लीजिये १ तब आपको जानकारी मिल जाएगी की वहाँ हुरे किस सन्दर्भ में पेश की जा रही है १ जब आप निकाह के लिए किसी परिवार में जाते है या आपके परिवार से जब कोई इस सन्दर्भ में जाता है तब क्या वह यह कहता है की आपकी लडकी से सेक्स के लिए हम आपकी लड़की देखने आये है १ यह सब बाते समझने की होती है जब निकाह किया जायेगा तब सेक्स भी होगा ! वैसे ही कुरान की सूरत 55में यह जिक्र है देखे- ५६ उनमे निगाह बचाए रखने वाली स्त्रियाँ होगी ,जिन्हें उनसे पहले न किसी मनुष्य ने हाथ लगाया होगा और न किसी जिन्न ने ७० .उनमे भली व सुन्दर स्त्रियाँ होगी ७२.हरें[परम रूप वती स्त्रियाँ ]खेमो में रहने वाली , अब देखिये सूरत ५६ में - 17 से १९ उनके पास किशोर होंगे जो सदैव किशोरावस्था में रहेंगे ,प्याले आफ़ताबे [जग] विशुद्ध पेय से भरा हुआ पात्र लिए हुए फिर रहे होंगे -- जिस [के पीने ]से न तो उन्हें सिर दर्द होगा और न उनकी बुद्धि में विकार आयेगा !२२ -२३ और बड़ी आँखों वाली हुरे , मानो छुपाये हुए मोती हो !३५-३६ - ३७[और वहां उनकी पत्नियों को] निश्चय ही हमने एक विशेष उठान पर उठाया और हमने उन्हें कुआरियां बनाया ,प्रेम दर्शाने वाली और समायु! अब आप बतलाये इन हूरों के शरीर की इतनी तारीफ क्यों की जा रही है शरीर का उठान, प्रेम दर्शाने वाली , कुआरियां ? इसका क्या अर्थ लिया जाये ?क्या अल्लाह इससे किसी वेश्याका दलाल नहीं लगता ! वही इतनी खुल कर किसी हूर के शरीर की तारीफ कर सकता है ! कोई पिता या भाई तो कभी इतनी तारीफ नहीं कर सकता ! अब बतलाइए इन हूरो के प्रति आकर्षित करने के लिए क्या यह मुस्लिमो को लालच नहीं दिया जा रहा है ! क्या वहा जा कर मुस्लिम इनको बहन बेटी या माता का व्यवहार करेंगे ? वहा पर खुले आम बिस्तर लगे होंगे ऐसा नजारा तो वेश्या के यहाँ भी नहीं होता १ वहां भी कमरा बंद रहता है !

Anonymous said...

भारतवर्ष मे सबको अभिव्यक्ति का अधिकार है , कोई कुछ बयान देता है तो हमें भी उसका जवाब देने का हक़ है वो भी शालीनता से , लेकिन कोई अगर देश को बर्बाद करने वाले लोगो का केस लड़ता है , हिंदुत्वा के खिलाफ बात कने वालो की टीम बनता है , कश्मीर को पाकिस्तान को देने की बात करता है , प्रज्ञा सिंह ठाकुर को हिन्दू आतंकवाद कहता है और अफजल, कसाब, मदनी के कुकृत्य को किसी भी धर्म को आतंकवाद से न जोडने की अपील करता है , ऐसे लोग को कोई गोली ना मर के लात घुसा मरता है तो इसमें आश्चर्य क्या है ?

Anonymous said...

इस्लाम कामवासना और हिंसा
कोई भी ईश्वर अपने अनुयायी बनाने हेतु कामवासना पूर्ति और हिंसा का मार्ग नहीं अपनाएगा । दैवत्व की अवधारणा के प्रति घातक हॊने के कारण यह ईश निंदा है । यह तो केवल अरब साम्राज्य बनाने के लिए मोहम्मदी योजना का अंग है
http://www.hindusthangaurav.com/books/islamkamvasnaaurhinsa.pdf/

http://www.hindusthangaurav.com/books/islam_arab_samrajyavad.pdf/

http://www.hindusthangaurav.com/books/jihad%20ke%20pralobhan%20sex%20&%20loot.pdf/